Hemp Farming: वेब सीरिज से सीखी प्रीमियम गांजे की फार्मिंग, फ्लैट में उगाकर डार्क वेब पर बेचा

Hemp Farming

Hemp Farming: ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-31 स्थित पार्श्वनाथ पनोरमा सोसाइटी के एक फ्लैट में अवैध रूप से गांजे की खेती करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी अपने फ्लैट के अंदर गमले में कैनाबिस के पौधे उगा रहा था। डार्क वेब के जरिए गांजे की सप्लाई की जा रही थी। पुलिस ने फ्लैट से करीब 50 लाख कीमत का गांजा और कच्चे माल समेत अन्य सामान बरामद किया है।

किराए के फ्लैट में उगा रहा था गांजा

डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि स्थानीय स्तर से सोमवार को पुलिस को इनपुट मिला कि एक सोसाइटी में किराये का फ्लैट लेकर रह रहा मेरठ का राहुल चौधरी कमरे के अंदर ही कैनाबिस के पौधे उगा रहा है। इसके बाद पुलिस की संयुक्त टीमों ने छापेमारी कर राहुल को दबोच लिया। फ्लैट के अंदर ही आरोपी ने ओजी गांजे की खेती का पूरा सेटअप तैयार किया हुआ था। 80 गमलों में यहां उसने कैनाबिस के पौधे उगाए थे। इसके लिए उसने फ्लैट में एसी लगवा रखे थे और फुल स्पेक्ट्रम प्लांट ग्रोइंग लाइट की सहायता से कैनाबिस के बीजों को गमलों में प्रत्यारोपित कर फसल तैयार की जा रही थी। पुलिस का कहना है कि इस तरह की इनडोर फार्मिंग अपराध की एक नई प्रवृत्ति है। पुलिस इस आरोपी के विदेशी लिंक के बारे में भी जानकारी कर रही है।

ऑनलाइन खरीदा था बीज

ऐप पर हुआ था पैसे का लेनदेन पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी राहुल चौधरी ने विदेशी वेबसाइट सिड्समैन के माध्यम से ऑनलाइन ऑर्डर कर कैनाबिस का बीज आयात किया था। बीज की खरीदारी के लिए पेपल एप्स के माध्यम से रुपये का लेनदेन हुआ था। पुलिस को शक है कि कैलिफोर्निया से बीज मंगवाया गया। इसके बारे में अभी जांच की जा रही है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी ने काफी पौधे तैयार भी कर लिए थे। आरोपी पहले जगत फार्म बाजार में एक रेस्टोरेंट चलाता था।

वेब सीरीज देखकर आया आईडिया

पुलिस ने बताया कि बॉलीवुड में जब ड्रग्स का मुद्दा छाया हुआ था, तभी नशे की दुनिया पर आधारित एक वेब सीरीज आई थी। राहुल चौधरी इस वेब सीरीज से इतना प्रभावित हुआ कि उसने गांजे का व्यापार करने की योजना बना ली। उसने फ्लैट में सेटअप तैयार किया था। सही तापमान के लिए एसी लगवा रखे थे।

पहली फसल ही उगा पाया था आरोपी

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि यह उसकी पहली फसल थी। वह 15 गमलों में ही उगे गांजे की सप्लाई कर पाया था। उसने जितने भी ग्राहक तलाशे, सभी डार्क वेब पर मिले थे। ग्राहक मुंह ढककर आते थे और आरोपी से गांजे लेकर चले जाते थे। उच्च गुणवत्ता के माल के लिए ग्राहक ने आरोपी को मुंहमांगी कीमत भी दी। डार्क बेव का खरीदार होने के कारण आरोपी और ग्राहक ने एक दूसरे को पहचान नहीं बताई।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top