Chief Justice of India: जस्टिस संजीव खन्ना सोमवार को भारत के 51वें चीफ जस्टिस बन गए हैं। जस्टिस संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति भवन मेंभारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस पद से 10 नवंबर को हुए थे रिटायर
इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को 65 साल की उम्र में इस पद से रिटायर हुए थे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने ही जस्टिस खन्ना के नाम की सिफारिश की थी। दिल्ली हाई कोर्ट के जज नियुक्त होने से पहले वे तीसरी पीढ़ी के वकील रह चुके है। उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है।
न्यायमूर्ति खन्ना कई ऐतिहासिक फैसलों का रहे हैं हिस्सा
जनवरी 2019 से सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कार्यरत न्यायमूर्ति खन्ना कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। जैसे EVM की पवित्रता को बनाए रखना, अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना और चुनावी बॉन्ड योजना को खत्म करना।
कब रिटायर होंगे जस्टिस संजीव खन्ना?
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता नियम के मुताबिक, जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर 2024 से 13 मई 2025 तक भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट में 18 जनवरी 2019 को जज के रूप में शपथ लेने के बाद से अब तक करीब पौने छह साल के दौरान जस्टिस खन्ना यहां 456 पीठ का हिस्सा रहे और 117 फैसले उन्होंने लिखे। दिल्ली के मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड से स्कूली शिक्षा पूरी कर वो 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हुए। फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के ही कैंपस लॉ सेंटर यानी CLC से कानून की डिग्री ली।
जस्टिस संजीव खन्ना के चाचा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस हंस राज खन्ना ने 1976 में एडीएम, जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला, (1976) के “बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले” में एकमात्र असहमतिपूर्ण फैसला सुनाया था। इसके बाद तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार ने वरिष्ठतम जज जस्टिस हंसराज खन्ना सहित 4 जजों की वरिष्ठता की अनदेखी कर जस्टिस एमएच बेग को जनवरी 1977 में चीफ जस्टिस बनाया था।
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दिल्ली हाईकोर्ट से सीधे सुप्रीम कोर्ट किया गया था पदोन्नत
ये भी दिलचस्प बात है कि जस्टिस खन्ना को उनके मूल उच्च न्यायालय-दिल्ली हाईकोर्ट से सीधे सुप्रीम कोर्ट पदोन्नत किया गया। 1997 से अब तक केवल छह जजों को उनके मूल उच्च न्यायालय से प्रोन्नत कर सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है। इनमें जस्टिस सैयद अब्दुल नजीर, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई, जस्टिस लोकेश्वर सिंह पंटा, जस्टिस जीपी माथुर, जस्टिस रूमा पाल और जस्टिस एसएस कादरी शामिल हैं। जस्टिस खन्ना को 18-01-2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। वे 13-05-2025 को अपने 65 वें जन्मदिन से एक दिन पहले रिटायर होंगे।