Gopal Khemka Murder: पटना के गांधी मैदान थाना इलाके में बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हत्या कर दी गई। गोपाल खेमका अपने आवास पनास होटल के पास एक अपार्टमेंट में पहुंचे थे। वह अपनी कार से जैसे ही उतर ही रहे थे तभी बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी।
बदमाशों ने सिर में मारी गोली
घटना 4 जुलाई की रात 11 बजे की है। गोपाल खेमका देर बांकीपुर क्लब से घर लौटे। जैसे ही अपार्टमेंट के पास पहुंचे, पहले से घात लगाए अपराधियों ने सिर में गोली मार दी।
Gopal Khemka Murder जांच के लिए एसआईटी गठित
परिजन आनन-फानन में उन्हें पटना के मेडिवर्सल अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजवा दिया है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। जांच के लिए एसआईटी भी गठित की गई है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष खेमका के घर पहुंचे
सूत्रों की मानें तो बदमाश बाइक से रेकी करते हुए कटारुका निवास पहुंचे थे। वो गोपाल खेमका की गाड़ी के पीछे-पीछे ही चल रहे थे। हत्या की जानकारी होते ही खेमका के घर के बाहर भीड़ जुट गई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भी परिवार से मिलने पहुंचे और जानकारी ली।
बेटे की 7 साल पहले हुई थी हत्या
खेमका की गिरती पटना के बड़े बिजनेसमैन में होती थी। मगध अस्पताल के मालिक भी थे। गोपाल खेमका के 2 बेटे हैं। 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की हत्या कर दी गई थी। हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में कॉटन फैक्ट्री के सामने उन्हें बदमाशों ने गोली मार दी थी। दूसरे बेटे गौरव खेमका IGIMS में डॉक्टर हैं। बेटी लंदन में रहती हैं।
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खेमका के ड्राइवर मनीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया- ‘उन्हें पहले सुरक्षा दी गई थी, लेकिन वापस ले ली गई थी। सुरक्षा होती तो हत्या (Gopal Khemka Murder) नहीं होती। सिक्योरिटी क्यों वापस ली गई ये मुझे नहीं पता है।’
हटा ली गई थी खेमका की सुरक्षा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खेमका के ड्राइवर मनीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि खेमका को पहले सुरक्षा दी गई थी। बाद में सुरक्षा हटा ली गई थी। सिक्योरिटी क्यों वापस ली गई इसके बारे में वह कुछ नहीं बता सका।
नीतीश जी बख़्श दीजिए बिहार को: सांसद पप्पू यादव
वारदात को लेकर सांसद पप्पू यादव ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया। इस बच्चे को क्या दिलासा दूं? सात साल पहले गोपाल खेमका जी के पुत्र गुंजन खेमका की हत्या हुई थी, उन्हें न्याय का भरोसा दिलाने गया था। अगर उस वक्त सरकार अपराधियों की साझीदार न बनकर, उनके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करती तो आज गोपाल खेमका(Gopal Khemka Murder) जी की हत्या न होती! जैसे ही सूचना मिली मैं वहां पहुंचा। पर इस क्रूर महा गुNDAराज में कोई सुरक्षित नहीं है, अपराधियों का अभ्यारण्य बन गया बिहार! नीतीश जी बख़्श दीजिए बिहार को।