फेक करेंसी गैंग का भंडाफोड़, 5 पांच बीवियों संग नकली नोट मदरसा संचालक

नकली नोट छापकर ग्रामीण क्षेत्रों की बाजारों व दुकानों में चलाने वाले गिरोह का पुलिस ने बुधवार को पर्दाफाश किया। गिरोह का सरगना मुबारक अली उर्फ नूरी मल्हीपुर के गंगापुर स्थित मदरसे का प्रबंधक है। उसने यूट्यूब से नोट छपाई का तरीका सीखा था। फैजुर्रनबी मदरसे में ही रहकर नोटों की छपाई करता था। इस काम में उसकी पांच पत्नियां भी सहयोग करती थीं।

नकली नोटों की शिकायत पर हुई कार्रवाई

पुलिस को कुछ दिनों से शिकायत मिल रही थी कि मल्हीपुर क्षेत्र में नकली नोटों की छपाई की जा रही है। जांच में जुटी पुलिस ने बुधवार को भेसरी नहर पुल से बहराइच के काशीजोत निवासी जमील अहमद, विशेश्वरगंज क्षेत्र के सर्बदी निवासी धर्मराज शुक्ला, रामगांव क्षेत्र के बेगमपुर निवासी रामसेवक व सोनवा क्षेत्र के ककंधू गांव निवासी अवधेश कुमार पांडेय को नकली नोट, तमंचा व कारतूस के साथ गिरफ्तार किया।

नकली नोट और हथियार बरामद

पूछताछ के बाद पुलिस लक्ष्मनपुर स्थित फैजुर्रनबी मदरसे में पहुंची, जहां से एक प्रिंटर, दो लैपटॉप, चार वोतल स्याही, 35,400 रुपये के नकली नोट व 14,500 रुपये के असली नोट, एक 315 बोर का तमंचा व पांच मोबाइल बरामद हुए। पुलिस ने मौके से दो लोगों को गिरफ्तार भी किया।

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मदरसे का प्रबंधक है सरगना

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार मुबारक अली उर्फ नूरी लक्ष्मनपुर का रहने वाला है। वह गंगापुर स्थित मदरसा फैजुर्रनबी का प्रबंधक है। उसकी पांच पत्नियां हैं, जो अलग-अलग स्थानों पर रहकर नकली नोटों को चलाने में सहयोग करती थीं। एक पत्नी गंगापुर के मदरसा फैजुर्रनबी व दूसरी बहराइच शहर के जामिया नूरिया मस्जिद में शिक्षिका है। शेष तीन पत्नियां अन्य स्थानों पर रहती हैं।

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